डर से चुप थीं सडकें
चुप थे लोग और खामोश थीं आखें
आवाजें सुनाई दे रही थी तो बस television से
Breaking news जो मिल गया था उन्हें
आवाजें सुनाई दे रही थी तोह बस बादलों की
कड़कराहट से लोगों में जिंदा रहने का एहेसास जगाना
कड़कराहट से उन लोगों को जगाना
जो सो रहे थे या मुर्दा लाशों को देख रहे थे
बरसात की ही शाम थी वो
आसमान ने सूरज को परदे में धक् लिया था कहीं
खून बरस रहा था आसमां से
और ज़मीन आग के गोले उढ़ेल रही थी
धरती नम हो गयी थी उस शाम खून से
और लाशें ऐसी बिखरी पड़ी हों जैसी की कीचड
सो नहीं पाया था उस रात कोई
चाँद भी उस रात बादलों के पीछे खामोश खड़ा सब देख रहा था
खामोश थी आखें और चुप थे लोग
डर से सडकें भी चुप थी सारी
भीगा था मैं भी उस बरसात में
खेलीं थी मुझ पर भी वह बूँदें
कहो तो, कभी लहू को पानी में समाते हुए देखा है तुमने?
चुप थे लोग और खामोश थीं आखें
आवाजें सुनाई दे रही थी तो बस television से
Breaking news जो मिल गया था उन्हें
आवाजें सुनाई दे रही थी तोह बस बादलों की
कड़कराहट से लोगों में जिंदा रहने का एहेसास जगाना
कड़कराहट से उन लोगों को जगाना
जो सो रहे थे या मुर्दा लाशों को देख रहे थे
बरसात की ही शाम थी वो
आसमान ने सूरज को परदे में धक् लिया था कहीं
खून बरस रहा था आसमां से
और ज़मीन आग के गोले उढ़ेल रही थी
धरती नम हो गयी थी उस शाम खून से
और लाशें ऐसी बिखरी पड़ी हों जैसी की कीचड
सो नहीं पाया था उस रात कोई
चाँद भी उस रात बादलों के पीछे खामोश खड़ा सब देख रहा था
खामोश थी आखें और चुप थे लोग
डर से सडकें भी चुप थी सारी
भीगा था मैं भी उस बरसात में
खेलीं थी मुझ पर भी वह बूँदें
कहो तो, कभी लहू को पानी में समाते हुए देखा है तुमने?
That night, blood had dissolved in the rain
That night, the streets were silent with fear
Silent were the people and mum were the eyes
That night, it had rained blood
And the earth had been breathing flames
Where were you that night when the blood mixed with the water?
That night, the streets were silent with fear
Silent were the people and mum were the eyes
That night, it had rained blood
And the earth had been breathing flames
Where were you that night when the blood mixed with the water?