Tuesday, June 24, 2014

एक Cutting सपना



प्यास लगी थी 
तो खुली आखों से कुछ सपने देखने चला गया 
रोज़ ही की तरह पृथ्वी की ऒर 

भैया, एक गिलास सुलेमानी देना 
क्या? नहीं है?
चलो, फिर एक खाली गिलास ही दे दो 

और जा बैठा इन चमचमाती केतलियों के नीचे 
केत्लियान, जिनमे से सपने बह रहे थे 

भैया, एक cutting सपना दे दो 
कई रातों से सोया नहीं हूँ